SCERT- State Council of Educational Research & Training
NCERT-National Council of Educational Research & Training
• राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद
SCERT-State Council of Educational Research & Training
• राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद
SIERT– State Institute of Educational Research & Training
• राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान
जिस प्रकार राष्ट्रीय स्तर पर NCERT है, उसी प्रकार राज्य स्तर पर SCERT कार्य करती है।
तृतीय पंचवर्षीय योजना में भारत के प्रत्येक राज्य और दिल्ली में शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के राज्य संस्थान (SIERT) खोले गए। यह योजना केन्द्र व राज्य की 60 : 40 की वित्तीय सहभागिता से संचालित है।
- राजस्थान राज्य में विद्यालयी शिक्षा के गुणात्मक समून्नयन के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित मेहरोत्रा समिति की अभिशंसानुसार पूर्व में कार्यरत विभिन्न अभिकरणों को समन्वित कर दिनांक 11 नवम्बर, 1978 को उदयपुर में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान [RSIERT] की स्थापना की गई।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 3 अप्रैल, 2018 को जारी गाइडलाइन्स के क्रिन्यान्वयन में 14 अगस्त, 2018 को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (SIERT) को ‘राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT)’ के रूप में पुनर्गठित किया गया।
- SCERT विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के निर्धारण तथा क्रियान्वयन में विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध कराती है।
- SCERT राज्य में विद्यालयी शिक्षा एवं शिक्षक शिक्षा के लिए शैक्षिक योजना/निर्माण,क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन तथा गुणात्मक उन्नयन का शीर्ष शैक्षक संस्थान है।
- यह परिपद आयुक्तालय, प्राथमिक शिक्षा एवं आयुक्तालय, माध्यमिक शिक्षा बीकानेर के शैक्षिक सलाहकार के रूप में भी कार्य करती है।
- इसका वित्तीय प्रबंधन राजस्थान सरकार द्वारा किया जाता है।
- यह परिषद राज्य में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIETs) ,उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (IASE) व शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों (CTE) को शैक्षिक मार्गदर्शन, नेतृत्व एवं सम्बलन भी प्रदान करती है।
- यह राज्य के शिक्षा विभाग को शिक्षा के उन्नयन हेतु सलाह एवं मशविरा प्रदान करती है।
- विद्यालय स्तर पर गुणात्मक उन्नयन हेतु यह संस्थान एक नोडल एजेंसी है।
- राज्य में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act, 2009) की धारा 29(1) के क्रियान्वयन के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा लागू कियें गये बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के भाग-7 ‘पाठ्यचर्या एवं प्रारम्भिक शिक्षा का पूरा होना‘ के बिन्दु संख्या 22 में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को ‘समुचित शैक्षिक प्राधिकारी’ (Appropriate Educational Authoriy) घोषित किया गया है।✅️
- SCERT ही राज्य में कक्षा 1 से 8 तक के लिये NCF 2005 पाठ्यक्रम आधारित पाठ्यपुस्तकों का निर्माण करती है तथा दक्षता आधारित शिक्षाक्रम एवं सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण शिक्षाक्रम का निर्माण करती है ।
- डाइट (DIET) का वार्षिक कलैण्डर भी यह बनाती है।
- SCERT द्वारा कक्षा 8 एवं कक्षा 5 पात्रता परीक्षा हेतु ब्लू प्रिंट एवं आदर्श प्रश्न पत्र का निर्माण किया जाता है।
- SCERT द्वारा अधिगम अक्षमता वाले बालकों के शैक्षिक संबलन हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण भी किया जाता है।
- वर्तमान में SCERT में 6 प्रभाग हैं,
SCERT के 6 प्रभाग एवं उनके संबंधित विभाग निम्नलिखित है:
1. पाठ्यचर्या, पाठघपुस्तक सामग्री निर्माण एवं मूल्यांकन प्रभाग
- पाठ्यचर्या विभाग, विज्ञान एवं गणित विभाग, सामाजिक विज्ञान विभाग, भाषा विभाग, शैक्षिक प्रमापन एवं मूल्यांकन विभाग
2. शैक्षिक सर्वेक्षण, अनुसंधान, आँकलन एव नीति परिप्रेक्ष्य विभाग
- शैक्षिक सर्वेक्षण एवं अनुसंधान विभाग, नवाचार एवं नीति निर्धारण विभाग, परीक्षा अनुभाग
3. व्यावसायिक शिक्षक शिक्षा एवं आधार प्रभाग
- सेवा पूर्व शिक्षक शिक्षा विभाग, सेवारत शिक्षक शिक्षा , प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक विकास विभाग
4. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सेवा प्रभाग (lT Cell), अजमेर
- कंप्यूटर शिक्षा एवं ई-सामग्री निर्माण विभाग, शैक्षिक संचार एवं तकनीकी सेवा विभाग
5. सर्वागीण विकास एवं सामाजिक न्याय प्रभाग
- समावेशी शिक्षा विभाग, बाल शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण विभाग, अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अल्पसंख्यक शिक्षा विभाग, गुणवत्ता शिक्षा एवं परियोजना विभाग, निर्देशन एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग, कला शिक्षा एवं कार्यानुभव विभाग, स्वास्थ्य शिक्षा एवं शारीरिक शिक्षा विभाग, जनसंख्या शिक्षा विभाग
6. प्रशानिक एवं अकादमिक आयोजना, प्रबंधन एवं वित्त प्रभाग
- शैक्षिक आयोजना विभाग, समन्वयन एवं प्रबोधन विभाग, डिजीटल अनुभाग, पुस्तकालये एव प्रलेखन विभाग, प्रशासनिक, संस्थापन एवं प्रलेखन/प्रकाशन विभाग, छात्रावास विभाग
आरएससीईआरटी द्वारा विद्यालय शिक्षा हेतु पाठ्यचर्या एवं मूल्यांकन नीति संबंधित कार्य, शैक्षिक नीति निर्धारण एवं राज्य सरकार के शैक्षिक सलाहकार तथा शिक्षक प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ-साथ राज्य के समस्त विद्यार्थियों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु कार्य किया जाता है।
SCERT के प्रभाग एवं उनके कार्य
DIV: I पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तक,सामग्री निर्माण एवं मूल्यांकन प्रभाग
- पाठ्यचर्या एवं पाठ्यक्रम – राज्य के संदर्भ में पाठ्यचर्या की रूपरेखा (State Curriculum Framework) विकसित करना, पाठ्यचयों के अनुरूप एवं कक्षावार पाठ्यक्रम (Syllabus) तैयार करना।
- पाठ्यपुस्तक– पाठ्यक्रम के आधार पर कक्षावार एवं विषयवार पाठ्यपुस्तकें तथा संबंधित अधिगम सामग्री तैयार करना,वर्तमान में चल रहे पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तकों की समीक्षा ।
- गुणात्मक शिक्षा– SIQE, CCE, CCP, Formative-Summative असेसमेंट के टूल्स विकसित करना। आयु अनुरूप प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए शिक्षण-अधिगम सामग्री विकसित करना।
- भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायनविज्ञान, जीव-विज्ञान, भाषा विज्ञान-किट विकसित करना, साथ ही इनकी प्रयोगशालाएँ विकसित करना। विज्ञान मेला आयोजन।
- ECCE- अर्ली चाइल्डहुड केयर एण्ड एजुकेशन की पाठ्यचर्या एवं संबंधित शिक्षण-अधिगम सामग्री विकसित करना।
- मूल्यांकन– कक्षावार एवं विषयवार मूल्यांकन के लिए ब्लूप्रिन्ट निर्माण करते हुए नमूने के प्रश्न- पत्र तथा परीक्षा हेतु प्रश्न-पत्र विकसित करना। नमूने के प्रश्न -पत्रों का प्रकाशन-ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन।
DIV:II शैक्षिक अनुसंधान, सर्वेक्षण, आकलन एवं नीति परिप्रेक्ष्य प्रभाग
- शोध– शोध हेतु दिशा-निर्देश एवं संबंधित सामग्री तैयार करना। राज्यस्तरीय शोध की कार्य योजना बनाकर संपादित करना तथा प्राप्त परिणामों से नीति परिप्रेक्ष्य में सुझावात्मक दस्तावेज (Suggestive Document) तैयार करना।
- DIET, CTE, व IASE द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों का रिव्यू करना, साथ ही उन्हें संबलन प्रदान करना। राज्य शोध परामर्शक समिति की बैठकें आयोजित करना। रिसर्च रिपोर्टस का प्रकाशन-ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन करना।
- सर्वेक्षण – राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के सर्वे कार्ययोजना व दिशा-निर्देश तैयार कर संपादित करना। सर्वेक्षण परिणामों को फीडबैक के रूप में राज्य के प्रत्येक विद्यालय तथा शिक्षक तक ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन पहुंचाना।
- स्टडीज– समसामयिक शैक्षिक विषयों पर पहल करते हुए स्टडीज की कार्य-योजना तैयार करना एवं स्टडीज को परिषद् की फैकल्टीज अथवा सहयोगी संस्थाओं की सहायता से संपादित करना। परिणाम प्रकाशन-ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन।
- परीक्षा आयोजन-NMMS परीक्षा की कार्ययोजना, दिशा-निर्देश, समय-सारिणी बनाना एवं आयोजन संबंधी समस्त कार्य। किसी अन्य परीक्षा का दायित्व मिलने पर उसका आयोजन।
- नीति परिप्रेक्ष्य– शोधकार्य सर्वेक्षण, स्टडी के माध्यम से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर नीति -परिप्रेक्ष्य में सुझाव सक्षम स्तर तक सुझावात्मक दस्तावेज (Suggestive Document) के जरिये पहुँचाना। (NEP 2020)
DIV: III शिक्षक शिक्षा प्रभाग
- सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण– D.L.Ed हेतु पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम एवं अधिगम सामग्री विकसित करना एवं रिव्यू करना। सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण के कार्यक्रमों की योजना बनाकर उन्हें सम्पादित करना।
- सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण– समस्त प्रकार के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन, क्षमता संवर्द्धन कार्य, ऑनलाइन निष्ठा एवं दीक्षा एवं ऑफलाइन शिक्षक प्रशिक्षणों का कार्योजना निर्माण से फीडबैक तक का संपूर्ण कार्य करना।
- संस्था प्रधान, PEEO, CBEO, DEO स्तर के शिक्षा अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्द्धन मॉड्यूल विकसित करना तथा इसके अनुरूप समय सारिणी बनाकर ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित करना।
- IASE, CTE, DIET, BITE का क्षमता संवर्द्धन– इन संस्थाओं में आयोजित शैक्षिक कार्यक्रमों में क्षमता संवर्द्धन का कार्य करना। इन संस्थाओं की फैकल्टी हेतु प्रशिक्षण आयोजित करना एवं इन संस्थाओं के वार्षिक पंचांग का निर्माण करना।
- इन संस्थाओं में संचालित अकादमिक कार्यों के बजट जारी करवाना, कार्यक्रमों के संपादन की अद्यतन स्थिति की मॉनिटरिंग एवं कार्यक्रम की रिपोर्ट मय उपयोगिता प्रमाण – पत्र संकलित कर प्रेषित करना।
DIV:IV सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्रभाग (IT Cell), अजमेर
- ई-कन्टेन्ट निर्माण– कक्षा 1 से 12 के लिए विषयवार e-Learning content विकसित करना।
- कम्प्यूटर शिक्षा– कम्प्यूटर दक्षताओं के लिए अधिकारियों, शिक्षकों, मंत्रालयिक कार्मिकों तथा विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित कर तद्नुसार ऑनलाइन/ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित करवाना।
- प्रसारण– ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रेडियो, टीवी, यू-ट्यूब, मोबाइल फोन एप्स; एज्यूसेट, डी.एल.एस.आर. आदि के माध्यम से प्रसारण हेतु कन्टेन्ट तैयार करने की कार्ययोजना बनाना एवं तद्नुसार शैक्षिक पाठों का प्रसारण करना।
- विविध-विद्यार्थियों/शिक्षकों के लिए शिक्षा तकनीकी आधारित विभिन्न नवाचारों की कार्ययोजना निर्धारित कर समयसारिणी के अनुरूप विकसित करना। इस पर सतत् एवं व्यापक कार्य संपादित करना।
- स्टूडियो व कम्प्यूटर लैब– परिषद् में स्थापित स्टूडियो एवं कम्प्यूटर लैब का प्रभार तथा इनकी उपयोगिता हेतु कार्य योजना बनाना। समस्त प्रभागों के साथ समन्वय रखते हुए इनका अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करना।
DIV: V सर्वांगीण विकास एवं सामाजिक न्याय प्रभागः
- CWSN.- समावेशी शिक्षा हेतु क्षमता संवर्द्धन कार्यक्रमों की योजना बनाना तथा क्रियान्वयन करना।
- कला-शिक्षा– कलांगन का सौंदर्यीकरण, नवीन सृजन एवं प्रदर्शन, कला शिक्षा में गुणात्मक सुधार।
- जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम – N.P.E.P. के अन्तर्गत सामग्री निर्माण, क्विज बैंक निर्माण, एडवोकेसी व शोधकार्य।
- स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा– पाठ्यक्रम निर्माण, पाठ्यपुस्तक लेखन, प्रशिक्षण मॉड्यूल एवं संदर्शिका निर्माण
- बालिका शिक्षा– बालिका शिक्षा सशक्तिकरण प्रशिक्षण हेतु नवाचारी कार्यक्रम विकसित करना।
- अनु. जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक- बाहुल्य क्षेत्रों के शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाना एवं प्रशिक्षण आयोजन।
DIV:VI प्रशासनिक एवं अकादमिक आयोजना, प्रबन्धन एवं वित्त प्रभागः
- संस्थापन– जी.सी,.ई.सी. ,पी.ए.सी. जैसी विभिन्न समितियों की बैठकों का आयोजन करना।
- संपदा एवं हॉस्टल– उदयपुर, अजमेर छात्रावास सहित SCERT के भवन निर्माण और रख-रखाव का कार्य सम्पादित करना।
- आयोजना, प्रबन्ध एवं वित्त।
- विविध।
- सामान्य प्रशासन ।
- SCERT के लिए 5 साल की शैक्षणिक योजना विकसित करना। PR एवं संदर्शिका तैयार करना।
- सामान्य प्रशासन, विधि, RTI., सम्पर्क पोर्टल, निविदाएँ, दस्तावेजीकरण आदि से संबंधित कार्य।
- सभी बजटीय अनुमोदनों का प्रबन्धन व ट्रेनिंग के दौरान T.A./D.A. का प्रबन्धन करना।
- संकाय की निविदाएँ और दस्तावेजीकरण की योजना व निष्पादन का कार्य करना।
- समस्त प्रभागों द्वारा आयोजित ऑनलाइन वीसी की योजना, प्रबन्धन एवं पर्यवेक्षण/समीक्षा करना
- समस्त प्रभागों में आपसी समन्वय स्थापित करना एवं समसा, निदेशालय प्रा.शि., निदेशालय मा.शि. ,RSTB के साथ कार्य करना, सुचना सम्प्रेषण करना एवं MoE, NCERT के निर्देशानुसार विभिन्न कार्य सम्पादित करना।
इस प्रकार SCERT के कार्यों के मुख्यत: निम्नांकित आयाम हैं-
- अनुसंधान
- शैक्षिक समुन्नयन
- सेवारत प्रशिक्षण
- पाठ्यक्रम विकास
- मूल्यांकन
- प्रचार एव प्रसार
SCERT के कार्य:
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के कार्य निम्न हैं-
1. पूर्व प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा के समस्त विषयों एवं प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण हेतु NCF-2005 पर आधारित पाठ्यक्रम का विकास एवं तत्सबंधी समस्त कार्य।
2. उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा के लिए निर्धारित पाठ्य -पुस्तकों का लेखन, मूल्यांकन तथा उनमें संशोधन, परिवर्तन, परिवर्द्धन आदि के लिए प्रस्ताव तैयार करना।
3. पूर्व प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालयों, संस्थानों में प्रचलित पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं उनसे संबंधित परीक्षा और मूल्यांकन के क्षेत्र में अनुसंधान, सुधार, प्रशिक्षण, प्रसार और नवाचार संबंधी कार्य करना।
4. डाइट प्रधानाचार्य, शिक्षकों, अधिकारियों के लिए सेवारत प्रशिक्षण आयोजित करना एवं अभिनव व अनुवर्तन संबंधी कार्य करना।
5. शैक्षिक टैक्नोलोजी (ET), श्रव्य दृश्य शिक्षण सामग्री एवं उपकरणों का विकास तथा तत्संबंधी अनुसंधान, प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्य, शिक्षा में मशीनीकरण, यांत्रिक उपकरण संबंधी नवीनतम जानकारी का परीक्षण करना तथा,उनकी उपयुक्तता के संदर्भ में विद्यालयों को मार्गदश्शन देना तथा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIET’S) से समन्वय करना।
6. समस्त माध्यमिक एवं सीनियर सैकण्डरी स्कूलों में शैक्षिक एवं व्यावसायिक समायोजन, निर्देशन सेवाओं की व्यवस्था तथा तत्संबंधी सूचनाओं का प्रसारण-प्रकाशन।
7. निदानात्मक परीक्षा और उपचारात्मक शिक्षण हेतु विद्यालयों को सुझाव व परामर्श देना एवं उक्तानुसार परखों ( Tests) का आयोजन करना।
8. छात्रों का बौद्धिक परीक्षण कर कमजोर व प्रतिभावान छात्रों के लिए उचित मार्गदर्शन एवं सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
9. राज्य की शिक्षा संस्थाओं में व्यावसायिक उत्पादनशीलता और समाजोपयोगी उत्पादन कार्य को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य सें संस्थागत उत्पादनों को एकत्रित, प्रसारित, प्रचलित और विज्ञापित कर निर्धारित मूल्य पर बिक्री की व्यवस्था करना। संस्थाओं को उन उत्पादन क्षेत्रों के सन्दर्भ में अनुसंधान, तकनीकी ज्ञान तथा नये आयामों का मार्गदर्शन देना।
10. प्राथमिक शिक्षा को सार्वजनिक एवं लोकोपयोगी बनाने के लक्ष्य के तहत् अनौपचारिक साधन के रूप में लोकसंचार के साधनों का शैक्षिक उपयोग निश्चित एवं निर्धारित करने का कार्य करना।
11. शैक्षिक उन्नयन, सेवारत प्रशिक्षण, अनुसंधान आदि कार्यक्रमों को उपयोगी एवं प्रभावी बनाने हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के अन्य शैक्षिक, वैज्ञानिक,तकनीकी संस्थाओं से सतत सम्पर्क एवं समन्वय करते हुए नये विचारों और कार्यक्रमों के औचित्य परख, समायोजन, क्रियान्वयन आदि का दायित्व निभाना।
12. प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन का आयोजन,समावेशी शिक्षा हेतु शिक्षकों का प्रशिक्षण एवं सामग्री निर्माण, पूर्व प्राथमिक (शिशु शिक्षा), शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण करना, NCERT द्वारा प्रदत्त सर्वेक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, राज्य स्तरीय अचीवमेंट सर्वे आयोजित करना, आदर्श लर्निंग लेवल सर्वे, बाल साहित्य का निर्माण, ई. कन्टेंट विकसित करना, संदर्भ साहित्य का निर्माण, ग्रीष्मकालीन शैक्षिक एवं व्यावसायिक निर्देशन, राज्य स्तरीय विज्ञान सेमिनारों का आयोजन, कला एवं संस्कृति केन्द्र का संचालन, मनोवैज्ञानिक परीक्षण एवं व्यावसायिक निर्देशन प्रदान करना आदि कार्य भी इस परिषद द्वारा संपन्न किये जाते हैं।