DIKSHA-RISE, SMILE, SHIKSHA DARSHAN, SHIKSHA VANI

 RISE-DIKSHA


‘RISE-DIKSHA’ पोर्टल पर राज्य की सभी पाठ्यपुस्तकों को E.T.B. (Energized Text Books) में परिवर्तित करने हेतु कठिन बिन्दुओं पर QR Code लगाने एवं उनसे संबंधित पाठ्यपुस्तक, प्रजेंटेशन एवं वीडियो कन्टेन्ट निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
• प्रथम चरण में कक्षा 9 व 10 की गणित एवं विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तक में सत्र 2017-18 के लिए 393 QR Code तैयार किये गये है।
• सत्र 2018-19 के लिए कक्षा 1 से 10 तक के समस्त पुस्तकों हेतु लगभग 1805 QR Code तैयार किये गये है।
• सत्र 2019-20 में 652 e-content दीक्षा राइज पोर्टल पर अपडेट करवाये गये है एवं 500 e-content अपलोड से पूर्व रिव्यू किये जा रहे है। शेष 1200 ई-कंटेन्ट तैयार किये जा रहे है।

राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (NCTE) के साथ मिलकर RISE पोर्टल का विकास किया है।
• RISE-DIKSHA पोर्टल का प्रमुख उद्देश्य शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान करना एवं विद्यार्थियों को ऑनलाइन अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है।
• RISE-DIKSHA एप पर राज्य के विद्यालयी शिक्षकों को बेहतर शिक्षण तकनीक प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं ।

DIKSHA पोर्टल, भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है।
केन्द्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्रालय (MHRD) ने 5 सितंबर 2017 को शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल माध्यम दीक्षा पोर्टल (diksha.gov.in) की शुरुआत की
• इसका प्रमुख उद्देश्य शिक्षकों के व्यावसायिक उन्नयन एवं विद्यार्थयों के लिए विषय वस्तु से संबंधित अतिरिक्त सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध करवाना है।

DIKSHA पोर्टल का राजस्थान संस्करण DIKSHA-RISE नाम से संचालित किया जा रहा है।
• DIKSHA पोर्टल पर शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए विषय वस्तु से संबंधित ऑनलाइन Teaching and learning contets (TLC) उपलब्ध है तथा विषय वस्तु से संबंधित पाठ्य सामग्री के निर्माण की सुविधा भी उपलब्ध है।
• शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग द्वारा पाठ्य सामग्री के निर्माण में रुचि रखने वाले सृजनात्मक अभिवृत्ति वाले शिक्षक DIKSHA पोर्टल से जुड़ कर Teaching ad learning contents (TLC) का निर्माण कर सकते हैं।
• इसके अतिरिक्त इस पोर्टल पर संस्था प्रधानों तथा शिक्षकों के लिए विभिन्न व्यावसायिक उन्नयन पाठ्यक्रम (Professional development courses) भी उपलब्ध हैं।
• DIKSHA RISE Portal पर उपलब्ध TLC को मोबाइल पर DIKSHA APP के माध्यम से भी उपयोग किया जा सकता है।

राजस्थान में कक्षा 9 व 10 के विज्ञान व गणित विषयों के लिए Teaching and Learning contents (TLC) का निर्मा राजस्थान के विज्ञ शिक्षकों के द्वारा किया गया है तथा
• सत्र 2020-21 की कक्षा 9 व 10 की विज्ञान व गणित विषय की पाठ्य पुस्तकों में QR Code (Quick Response Code) के माध्यम से शिक्षकों द्वारा तैयार TLC को शामिल किया जा चुका है।
• कक्षा 1 से कक्षा 10 तक के शेष विषयों हेतु कठिन बिन्दुओं का चयन कर पाठ्य सामग्री के निर्माण का कार्य राज्य की DIET’s तथा CIET’s के द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें आगामी सत्र में QR Code के माध्यम से सभी पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जायेगा एवं उसे DIKSHA-RISE Portal पर अपलोड कर दिया जाएगा।

राजस्थान में जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (शैक्षिक) DIKSHA- RISE पोर्टल के प्रभारी अधिकारी बनाये गये हैं,

 

प्रोजेक्ट स्माइल/SMILE
Social Media Interface for Learning Engagement

COVID-19 लॉकडाउन अवधि के दौरान विद्यालय में विद्यार्थियों के न आने तथा कक्षा शिक्षण न होने के कारण विद्यार्थी हित में घर पर शिक्षण की निरन्तरता बनाए रखने, सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करने, प्रदेश में विद्यार्थियों और शिक्षकों को ऑनलाइन पठन-पाठन से जोड़े रखने और शिक्षकों के शिक्षण कौशल के संवर्धन हेतु राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 13 अप्रैल, 2020 को प्रोजेक्ट स्माइल को शुरू किया गया।
• इसके अंतर्गत प्रदेशभर के विद्यार्थियों और शिक्षकों के अभिभावकों के साथ वाट्सएप ग्रुप बनाकर पढ़ने-पढ़ाने की तैयार सामग्री विद्यार्थियों को घर पर ही डिटिजल माध्यम से वाट्सएप पर पहुँचाने की पहल की गई ।
राजस्थान पहला ऐसा राज्य है, जहाँ पर विद्यार्थियों-शिक्षकों को घर बैठे सोशल मीडिया के जरिए अध्ययन-अध्यापन करवाने की यह अनूठी पहल की गई है।
• इसके अंतर्गत विद्यार्थी/अभिभावक और शिक्षक व्हाट्सएप के माध्यम से दैनिक वीडियो सामग्री प्राप्त करते हैं। प्रत्येक कक्षा व विषय के लिए नि:शुल्क उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके 30-40 मिनट की वीडियो सामग्री को क्यूरेट किया गया है।
• ये वीडियो ग्रेड 1-2 ,3 से 5 ,6 से 8 एवं 9 से 12वीं कक्षा स्तर के तैयार किये गये हैं।
• इस सामग्री की समीक्षा SCERT के विषय विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की गयी।

• छात्र और शिक्षक लिंक पर क्लिक कर सामग्री को एक्सेस कर सकते हैं । इससे कोविड-19 की परिस्थितियों में शिक्षण अधिगम की निरन्तरता बनाये रखने में सहायता मिली है।
• इस प्रोजेक्ट (स्माईल) के माध्यम से सरकार यह प्रयास कर रही है कि शिक्षकों एवं छात्रों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
• समस्त जिला/ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं संस्था प्रधानों ने अधिकतम विद्यार्थियों को इस डिजीटल नवाचार से जुङने एवं लाभान्वित होकर अपने अध्ययन को चालू रखने के लिये प्रेरित किया है ।
• स्माईल सामग्री छात्रों के लिए सीखने का स्रोत बनी रहेगी। भविष्य में यह डिजीटल कंटेंट स्कूल शिक्षण का पूरक होगा।

• कोराना संक्रमण के दौरान विद्यालयों के बंद होने के कारण विद्यार्थियों को घर बैठे शैक्षिक एवं सहशैक्षिक सामग्री उपलब्ध करवाने हेतु समग्र शिक्षा, स्कूल शिक्षा परिषद एव माध्यमिक/ प्रारम्भिक निदेशालय के संयुक्त प्रयासों से SMILE के तहत् प्रतिदिन विभिन्न माध्यमों से शिक्षण सामग्री की पहुँच विद्यालयों व विद्यार्थियों तक सुनिश्चित की गई है।
• कक्षा 1-12 तक के विद्यार्थियों के अभिभावकों व शिक्षकों के साथ संबंधित PEEO के माध्यम से 20 हजार से अधिक वॉट्सएप ग्रुप बनाये गये हैं, जिनके द्वारा कक्षा अनुसार सामग्री वितरण किया गया ।
• प्रतिदिन शिक्षकों द्वारा मोबाइल पर कॉलिंग द्वारा विद्यार्थियों को प्रोत्साहन दिया गया।
स्माईल 2.0 एक नवाचार के रूप में;
कोविड-19 के मद्देनजर विद्यालयों के बंद होने के कारण घर पर ही अध्ययन की प्रतिपुष्टि, निरन्तरता एवं व्यापक पहुँच के लिये स्माईल 2.0 कार्यक्रम प्रारंभ किया गया, जो कि कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों के लिए गृहकार्य पर आधारित है ।
• गृहकार्य, स्माईल की सामग्री के साथ ही कक्षा 1 से 5 के लिए सप्ताह में एक बार-सोमवार तथा कक्षा 6 से 8 के लिए सप्ताह में दो बार-सोमवार एवं बुधवार को विद्यार्थियों तक गृहकार्य पहुँचाने एवं पुनः संकलित करने की व्यवस्था की गई है।

• इसके साथ ही विद्यार्थी अपने अभिभावक के साथ कोविड-19 की गाईड लाईन की पालना करते हुए विद्यालय आकर भी उक्त गृहकार्य सामग्री ले रहे हैं और जमा करवा रहे हैं।

स्माईल 2.0 कार्यक्रम 12, नवम्बर 2020 को प्रारम्भ किया गया।
• इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों के लिखित गृहकार्य आवंटन एवं संकलन तथा आंकलन के लिए शिक्षकों द्वारा कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए घर-घर जाकर शिक्षण कार्य करवाया गया, जिसे विद्यार्थियों के सत्र 2020-21 हेतु समेकित ऑकलन का आधार बनाया जा सका।

• स्माईल कार्यक्रम के दूसरे संस्करण ‘SMILE-2’ का कक्षा 1 से 8 तक के लिए होमवर्क आधारित बनाया गया है अर्थात् व्हाट्सएप ग्रुप पर निर्धारित दिवस को गृहकार्य दिया जाएगा।

• जहाँ बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है या इंटरनेट की वजह से वे ऑनलाइन नहीं जुड़ पाते हैं, वहाँ प्रधानाध्यापक द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गई, जिसमें बच्चे के माता-पिता/अभिभावक सामाजिक दूरी का पालन करते हुए विद्यालय आकर स्टडी मैटेरियल व होमवर्क मैटेरियल ले जा सकते हैं तथा उसे पूर्ण करने के बाद जमा भी किया जाता है या अध्यापक स्वयं बच्चों के घर जाकर उन्हें होमवर्क प्रदान करेंगे एवं उनकी कठिनाइयों का निवारण भी करेंगें।

स्माईल 3.0 कार्यक्रम
• कोविड-19 के संक्रमण के मद्देनजर सत्र 2020-21 में स्कूल संचालन, शिक्षण अधिगम तथा परीक्षाएँ बाधित रहीं।
• सन् 2021-22 की इन परिस्थितियों में वैश्विक महामारी कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए कक्षा 1-8 के विद्यार्थियों को विद्यालय मे नियमित शिक्षण की अनुमति राज्य सरकार द्वारा छात्रहित में नहीं दी गई
• स्कूल शिक्षा विभाग के लिए यह चुनौती रही कि विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़कर शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को निरन्तर जारी कैसे रखा जावे।

• इस कठिनाई का निराकरण करने हेतु विद्यार्थियों को घर पर ही डिजीटल माध्यम से अध्यन सामग्री पहुंचाने के लिए सत्र 2021-22 के लिए स्माईल 3.0 कार्यक्रम चलाया गया, जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों, शिक्षकों के अभिभावकों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप दिनांक 19.06.2021 तक बनाकर, 21 जून 2021 से हर दिन प्रात: 8 बजे, अध्ययन सामग्री व्हाट्सएप ग्रुप में अपलोड की जाती है, जिसे विद्यार्थी के माता-पिता व विद्यार्थी एक्सेस कर सकते हैं । इसके बाद विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई के साथ- साथ प्रत्येक  सप्ताह क्विज के आधार पर मार्किंग भी की गई है।
• अगस्त, 2021 के अंत तक सर्वश्रेष्ठ 7 क्विज के आधार पर विद्यार्थियों का आकलन किया गया, जिसे प्रथम टेस्ट के रूप में माना गया है।

स्माईल 3.0 होमवर्क वर्कशीट तथा विद्यार्थी पोर्टफोलियो निर्माणः
• प्रत्येक सोमवार को कक्षा 1 से 5 तथा प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार का कक्षा 6 से 12 को स्माईल संदेश के साथ होमवर्क शीट डिजीटल व्हाट्सएप द्वारा अथवा घर पर उपलब्ध करवायी जा रही है।

• शिक्षकों को विद्यार्थियों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से अथवा प्रिंट होमवर्क शीट घर पर उपलब्ध करवाये गये एवं पिछली वर्कशीट एकत्रित कर जाँचने के पश्चात विद्यार्थी के पोर्टफोलियों में रखने हेतु निर्देशित किया गया तथा जिन विद्यार्थियों की डिजीटल पहँच नहीं है, उन्हे घर पर ही वर्कशीट उपलब्ध करवायी गई। इस प्रकार जो छात्र/ छात्राएं ऑनलाइन नहीं जुड़ पाये हैं उन्हें पूर्व की भाँति शिक्षकों द्वारा उनके घर जाकर होमवर्क उपलब्ध कराया गया तथा उनकी समस्याओं का निराकरण किया गया।
• सोशल मीडिया पर जुड़े हुए विद्यार्थियों को व्हाट्सएप ग्रुप पर आनलाइन होमवर्क दिया गया तथा विद्यार्थियों को विकल्प दिया गया कि वे या तो होमवर्क करके ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं या ऑफलाइन उनके घर से उसे संग्रहित करवाया जाएगा।
इस प्रकार Smile 3.0 में छात्र छात्राओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से विद्यालय एवं अध्ययन-अध्यापन से जुड़े रहने का विकल्प उपलब्ध करवाया गया।

• होमवर्क प्राप्त होने के बाद शिक्षकों द्वरा विद्यार्थियों द्वारा किये गये कार्यों की जाँच करके प्रत्येक विद्यार्थी की एक पोर्टफोलियो फाइल तैयार की गई, जिसमें उस विद्यार्थी का संपूर्ण डाटा दिया गया है।
• इसी के आधार पर बाद में उनका मूल्यांकन किया गया है।

स्माईल 3.0 प्रश्नोत्तरी (व्हाट्सएप आधारित क्विज):
• विद्यार्थियों को सप्ताह में साझा की गई सामग्री के आधार पर प्रत्येक शनिवार को व्हाट्सएप आधारित क्विज प्रेषित किया गया साथ ही जिन विद्यार्थियों की डिजीटल पहुँच नहीं है, उन्हे ही घर पर व्हाट्सएप आधारित क्विज का प्रिंट शिक्षक द्वारा उपलब्ध करवाकर पोर्टफोलियों में संधारित किया गया।

स्माईल 3.0 टीचर – स्टूडेंट कनेक्ट
• शिक्षक फोन कॉल अथवा घर विजिट के जरिए सप्ताह में कम से कम एक बार प्रत्येक विद्यार्थी से सम्पर्क में रहना सुनिश्चित किया गया।

“मिशन समर्थ”:
• विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों हेतु घर पर अध्ययन हेतु यह कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें ऐसे विद्यार्थियों के लिए अलग से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर इन पर प्रतिदिन ऑडियो/वीडियो मैसेज भेजे गये।
• विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह सोमवार को वर्कशीट उपलब्ध करवा कर अगले सप्ताह संग्रह करना व विद्यार्थी पोर्टफोलियो में संधारित किया गया।

शाला दर्पण पर स्माइल 3.0 माड्यूल के तहत स्टूडेण्ट रीच फार्म से ट्रेकिंगः
• विद्यार्थियों के साथ सम्पर्क की ट्रेकिंग के लिए शालादर्पण पर उपलब्ध स्माइल मॉडयूल को शिक्षकों द्वारा पाक्षिक रूप (15 दिन में एक बार) से अद्यतन किया गया।
इसी क्रम में शिक्षा विभाग ने आओ घर में सीखें 3.0 राज्य में प्रारंभ किया।
विभिन्न डिजीटल माध्यमों से विद्यार्थियों का शिक्षण-अधिगम निरंतर जारी रहा है। इस हेतु निम्नांकित कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग भी की गई:
• ई-कक्षाओं द्वारा वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ऑनलाइन प्लेटफार्म
• के तहत शिक्षा विभाग द्वारा पाठ्यक्रम से संबंधित कक्षावार एवं विषयवार वीडियो बनाकर ऑनलाईन शिक्षण का संचालन किया गया।
• यू-ट्यूब में जारी ई-कक्षा के वीडियो से विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम से जुड़ाव बना रहा। सभी विद्यार्थियों को (उच्च कक्षा स्तर एवं न्यून कक्षा
• स्तरों के विद्यार्थियों हेतु) पाठ्यक्रम अध्ययन सामग्री उपलब्ध करायी गयी।
• साथ ही कार्यपुस्तिकाओं का वितरण व विद्यालय स्तर तक की मॉनिटरिंग का कार्य किया गया। इसमें गृहकार्य वितरण, संकलन एवं कार्यपत्रकों का पोर्टफोलियो फाइल में संधारण कार्य प्रारंभ किया गया।
• समस्त कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए अभिभावकों एवं विद्यार्थियों से संपर्क कर शिक्षण-अधिगम की निरंतरता की मानिटरिंग की गई।
स्माइल-3.0 की सफल क्रियान्विति हेतु शाला दर्पण पोर्टल पर
मॉड्यूल अपलोड किया गया है।

स्माइल कार्यक्रम के तहत् मुख्य कार्य:
• कार्यपुस्तिकाओं का वितरण
• गृहकार्य वितरण संकलन कक्षा 1-8 के लिए।
• कक्षा 1-8 के विद्यार्थयों का पोर्टफोलियो संधारण
• क्विज प्रतियोगिता
• अध्यापक कॉलिंग (विद्यार्थी व अभिभावकों के साथ)
• सभी जिलों में निरीक्षण दल द्वारा स्माइल -3.0 की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग प्रतिमाह करना।
• कक्षा 1-5 एवं 6-8 तथा 9-12 को कक्षा शिक्षण कराने वाले शिक्षकों हेतु ऑनलाइन प्रशिक्षण निष्ठा मॉड्यूल सामग्री प्रसारित की गयी
• राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी इस समयावधि के लिए कक्षा 9 एवं 11 के छात्र/ छात्राओं के लिए नई मूल्यांकन पद्धति की घोषणा की, जिसके आधार पर कक्षा 9 एवं 11 के परीक्षा परिणामों की तैयारी की गई। कोरोना वायरस के आतंक के कारण 1 वर्ष के लिए बोर्ड ने बालकों को अगली कक्षा में बिना परीक्षा कराये Promote करने का निर्णय भी लिया
• कक्षा 9 व 11 के बच्चों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने का निर्णय उनकी पूर्व के 3 NIT टेस्ट तथा अर्द्धवार्षिक परीक्षा में कार्य निष्पत्ति तथा शैक्षणेत्तर अन्य गतिविधियों में निष्पत्ति के आधार पर लिया गया।

 

 शिक्षावाणी

दिनाँक 11 मई 2020 से शिक्षावाणी कार्यक्रम आकाशवाणी  पर रेडियो के माध्यम से प्रारंभ हुआ।

• यह सुनिश्चित करने के लिए कि लॉकडाउन के दौरान शिक्षा हर विद्यार्थी तुक पहुँचे, विभाग ने शिक्षावाणी कार्यक्रम शुरू किया, जिसे आकाशवाणी पर रेडियो के माध्यम से विद्यार्थियों हेतु कक्षा 1-12 का पाठ्यक्रमानुसार शिक्षण कार्यक्रम प्रसारित किया गया।

• इसके अंतर्गत कोविड लॉकडाउन अवधि में रेडियों के माध्यम से कक्षा 1 से 12 के लिए पाठयक्रम आधारित 55 मिनट की पाठ्य सामग्री प्रसारित की गयी ।

शिक्षावाणी Shiksha Vani कार्यक्रम की रूपरेखा
• दिनांक 11 मई 2020 से शुरू इस कार्यक्रम में नियमिंत रूप से प्रतिदिन 55 मिनट का रेडियो कार्यक्रम प्रसारित किया गया।

• प्राथमिक वर्ग हेतु कार्टून “मीना की कहानी” का प्रसारण 15 मिनट का होगा जिसके अंतर्गत अत्यंत प्रभावी बाल फ़िल्म के माध्यम से विद्यार्थियों में जागरूकता का विकास किया गया।

• कक्षा 3 से 8 व कक्षा 9 से 12 हेतु प्रतिदिन एक पाठ का प्रसारण होगा, जो की अगले सत्र से लागू होने वाले NCERT पाठ्यक्रम अनुसार होगा।

• ऑल इण्डिया रेडियो के 25 प्रसारण केन्द्रों के माध्यम से प्रतिदिन सुबह 11 बजे लगभग 55 मिनट शिक्षण सामग्री का प्रसारण किया गया।

• प्रसारित पाठ्य सामग्री में रुचिप्रद कहानियाँ तथा बच्चों के लिए जीवन-कौशलों पर रिकार्डिंग भी शामिल थी।

शिक्षावाणी कार्यक्रम हेतु शिक्षण-सामग्री निर्माण
• शिक्षा विभाग द्वारा अभिनव योजना “शिक्षावाणी कार्यक्रम” के द्वारा आकाशवाणी के माध्यम से विद्यार्थियों तक उच्च श्रेणी के अध्यापन का निर्णय लिया है।
• इस शिक्षण कार्यक्रम में प्रसारित किये जाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री का निर्माण SCERT के नेतृत्व में डाइट तथा एमओयू के तहत विभिन्न संस्थाओं व उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा किया गया।

शिक्षा वाणी

 

शिक्षादर्शन

शिक्षा दर्शन कार्यक्रम दूरदर्शन/DD राजस्थान चैनल पर         1 जून, 2020 से सभी कक्षाओं (1 से 12) के लिए प्रारंभ किया गया।

• शिक्षादर्शन कार्यक्रम द्वारा दुरदर्शन राजस्थान पर राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1-12 के विद्यार्थियों हेतु शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है।

• इस कार्यक्रम के तहत् RSCERT, उदयपुर एवं दूरदर्शन केन्द्र प्रसार भारती, जयपुर द्वारा कोविड-19 के दौरान सभी विद्यार्थियों तक शिक्षा पहुँचे यह सुनिश्चित करने के लिए दूरदर्शन के माध्यम से ई-सामग्री का प्रसारण शुरू किया गया ।

• शिक्षा दर्शन चैनल हेतु सामग्री (content) तैयार करने हेतु Eckovation,  एवं Tic-Tac-Learn (Central Square Foundation) इत्यादि social learning platforms के साथ साझेदारी की गई है।

शिक्षा दर्शन

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